Energetic Motivational Quotes | By Sandeep Maheshwari

Sandeep Maheshwari is a name among millions who struggled, failed and surged ahead in search of success, happiness and contentment. Just like any middle class guy, he too had a bunch of unclear dreams and a blurred vision of his goals in life. All he had was an undying learning attitude to hold on to. Rowing through ups and downs, it was time that taught him the true meaning of his life. To know more, log on to www.sandeepmaheshwari.com

Sandeep-Maheshwari-Motivational-Quotes

जब मैं मुश्किलों से लड़ा
तो मरा तो नहीं ,
मगर जीत न सका

 
ना पूछ की मेरी मंज़िल कहाँ है
अभी तो सफर का इरादा किया है
ना हारूंगा हौसला चाहे कुछ भी हो जाए
ये मैंने किसी और से नहीं
खुद से वादा किया है.


संघर्ष की राह पे जो चलता है
वही दुनिया को बदलता है,
जिसने अँधेरे से जंग जीती है
सूरज बनकर वही चमकता है.


रख हौसला की वो मंज़र भी आएगा
प्यासे के पास चलकर खुद समंदर भी आएगा.


यूँ ज़मीं पर बैठकर क्यों आसमां देखता है
अपने पंखो को खोल, ये जमाना सिर्फ उड़ान देखता है.


भरोसा अगर ईश्वर पर है
तो जो आपकी तकदीर में लिखा है वही पाओगे
लेकिन भरोसा अगर खुद पर है
तो ईश्वर  भी आपकी तकदीर वैसे ही लिखेगा
जैसा की आप चाहोगे।


बुझी शमा भी जल सकती है 
तूफानों  से कश्ती निकल सकती है
होके  मायूस यूँ न अपने इरादे बदल
क्यूंकि तेरी किस्मत कभी भी बदल सकती है.


बिना संघर्ष के कोई महान नहीं होता 
पत्थर पर जबतक चोट न पड़े, पत्थर भी भगवान नहीं होता।


थककर न बैठ ए मंज़िल के मुसाफिर
एक दिन ऐसा भी आएगा जब मंज़िल भी मिलेगी
और जीने का मज़ा भी आएगा।


कुछ किए बिना ही जय-जयकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।


जीत की खातिर दिल में जूनून चाहिए
जिसमे उबाल हो ऐसा खून चाहिए,
ये आसमां भी आएगा ज़मीं पर
बीएस इरादों दे दम चाहिए।


कोशिश के बावजूद भी, हो जाती है कभी हार
होकर निराश तू, मत बैठ मेरे यार
बढ़ते रहना आगे चाहे जैसा भी हो मौसम
पा लेती है चींटी भी मंज़िल गिर-गिरकर बार-बार.


इंकार किया है जिन्होंने मुझे मेरा समय देखकर
वादा है मेरा 
ऐसा भी समय लाऊंगा एक दिन
कि मिलना पड़ेगा उनको मुझसे मेरा समय लेकर।


मैदान में हारा हुआ इंसान भी से जीत सकता है
लेकिन मन से हारा हुआ इंसान कभी नहीं जीत सकता।


हीरे को परखना है तो अँधेरे का इन्तेजार कर
धूप में तो काँच के टुकड़े भी चमकने लगते हैं.


बाप की दौलत पर क्या घमंड करना
मज़ा तो तब है,
जब दौलत आपकी हो और बाप घमंड करे।


चाहे मुश्किल कितनी भी बड़ी हो
आज नहीं तो कल हल जरूर निकलेगा
ज़मीन बंजर भी हो तो क्या
अगर हार न मानी जाए तो पानी जरूर निकलेगा।


कह दो मुश्किलों को थोड़ा सा और कठिन हो जाए
कह दो चुनौतियों को थोड़ी और बड़ी हो जाए
अरे नापना चाहते हो हमारी हिम्मत तो
कह दो आसमान को थोड़ा सा और ऊपर हो जाए।


निगाहों में मंज़िल थी
गिरे और गिर के सम्भलते गए
हवाओं ने बहुत कोशिश करी
लेकिन चिराग आँधियों में भी जलते रहे।


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