Sangita Yaduvanshi | TikTok Shayari | Whatsapp Status | Instagram Quotes
कोरोना तो एक बहाना है एक दिन सबको जाना हैं
अगर जिंदगी का साथ थोड़े और वक्त के लिए निभाना है
तो सुनो दोस्तों घर के बाहर नहीं जाना है
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वो हमे रोता छोड़ गए किसी और को हंसाने के लिए
और हम मंदिर में माथा टेकते रहे उनका दिल दुखाने के लिए
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जिंदगी की राह मे ऐसे मुकाम आने लगे
छोड़ दी मंजिल तो मंजिल के पयाम आने लगे
एक ज़माना था कि अपने भी नजरे चुराते थे
अब अजनबी महफ़िल से सलाम आने लगे
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वो बेपरवाह वो लापरवाह
तेरा कुछ दिन का तो साथ सही
अब दिल हारु और ज़ज्बात मेरे
तुम मे अब ऐसी कोई बात नहीं
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कुछ ग़म अब हमे सताने लगे हैं
ये कहना था हमको मोहब्बत है तुमसे
ये कहने में हमको ज़माने लगे
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अब किसी से मेरा कोई हिसाब नहीं
अब इन आखों में कोई ख्वाब नहीं
अब जी रहे हैं तेरे नशे मे
ये खून हैं मेरा शराब नहीं
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कभी खुद पर कभी हालत पर रोना आया
बात निकली उनकी तो हर बात पर रोना आया
हमने तो सोचा था कि भूल बैठे हैं उन्हें
कि जाने क्या हुआ आज उस बात पर रोना आया
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ये जुल्फ खुलकर बिखर जाये तो अच्छा होगा
मेरी जिंदगी थोड़ी और सवर जाये तो अच्छा होगा
जिस तरह तुम्हारे साथ गुज़री है ये जिंदगी थोड़ी
और गुजर जाये तो अच्छा होगा
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सितम हमारे सारे छाँट लिया करो
नाराज नहीं हुआ करो बस थोड़ा डाट लिया करो
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पूछो मत कि उनकी मुस्कराहट के लिए
हम गुजरे हैं किस मुकाम से, जाओ मिया
अब नफरत हैं मोहब्बत के नाम से
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मुझे छोड़ कर अगर वो खुश है तो शिकायत कैसी
अब उसे खुश भी ना देखू तो मोहब्बत कैसी
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ये क्या घड़ी घड़ी अपना फोन देख रहे हैं
नहीं आने वाला किसी का मैसेज
सब लोग इश्क़ मे दिल थोड़ी लगाते हैं
कुछ लोग चुना भी लगाते हैं
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मेरी सारी कोशिशें नाकाम होती है तुम्हें मनाने की
जाने कहाँ से सीखी है ये अदा रूठ जाने की
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आओ मोहब्बत मे इतना ढीठ हो जाये
हर रोज ख़फ़ा हो हर रोज मनाए
ना तुम बाज आओ ना हम बाज आए
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वो क्यूट बोलकर लड़की तुम्हें गुमराह करेंगी
पर तुम आईना देखते रहना
तुम सिंगल थे, सिंगल हो ओर सिंगल ही रहना
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वजह यह रही होगी वो खूबसूरत रिश्ता यू
खत्म हो गया होगा वो दोस्ती निभाते रहे
होंगे आपको इश्क़ हो गया होगा
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कुछ रिश्ते यू निभा लिया करो
कभी खुद मान जाया करो
कभी मना लिया करो
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मेने तेरी बेवफ़ाई को अपना मजहब
और तुझे गुनाह बना रखा है
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जिस मासूमियत से ठगा था तूने
तेरे इस हुनर
को अपने दिल मे दबाए रखा है
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आजकल का प्यार मोहब्बत कहा लोगों को समझ आना है
और जो इनके बाबु सोना हैं सब्र रखो इनका भी कटने वाला है
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जिंदगी को जितना नचाना हैं नचा ले
पर गाना भोजपुरी ही होना चाहिए
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हीरे को परखना है तो अंधरे का इन्तेज़ार करो
क्युकी धूप में कांच के टुकड़े भी चमकने लगते हैं
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ना मिल रहे हो तुम ना ही खो रहे हो तुम
दिन पर दिन दिलचस्प हो रहे हो तुम
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दोस्तों की सुनी और इजहार कर दिया
और फिर मेरे इजहार और उनके इंकार के किस्से
अब भी कुरेदे जाते हैं अरसा हुआ इस बात को
मेरे दोस्त उसे अब भी भाभी बुलाते हैं
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Ye jo meri kalam me tere ishq ki syahi hai
Mere dil ke panno par mere armano
ki Shayari likh jati hai
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Usne hame apne waqt ke hisab se yaad kiya
Bs is haal-ae dil ke khatir humne
hi waqt barbad kiya
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Accha likhne ke liye kalam nahin
bas ek toota hua dil chahiye
Aur bahut accha likhne ke liye sahab
bahut bar toota hua dil
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Burey Waqt zara adab se pesh aa
kyuki waqt nahi lagta waqt badalne me
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Ye mujhe chain kyun nahin padta
Ek hi shaksh tha jahan me kya
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वो अपनी जिंदगी के हर फैसले में उसकी राय लेती है,
नसीहतों और अनुभवों में बड़ा उसका छोटा भाई
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मेरे नाम को आदत थी, उसके नाम के साथ रहने
की मेरी तरह अब मेरा नाम भी,
खुद को अकेला महसूस करता है
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मैं अक्सर नशे में रहती हूँ ,
लोग कहते हैं शबाब से निकलने के लिये शराब जरुरी है
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पायलें उसकी छनकती हैं
दिल मेरा धड़क जाता है
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वो नफरत करती रही उम्रभर जिस
बाप से जो उसे बताया नहीं बेटा बताया था
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कीमत मेरे आँसुओं की लगा के नीलाम
कर गया वो मुझे इश्क के बाजार में
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उसकी मरती हुई मोहब्बत
मुझे भी मौत दे गई
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कल उसकी चाहत का इंतज़ार था
आज उसके इंतज़ार की भी चाहत न रही
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छोड़ दी वो मोहब्बत की गलियाँ जहाँ
मैं अक्सर भटक जाया करती थी
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दिल ना मिलते तो मुलाकात अधूरी रहती
सनम ना तुम कुछ कहते ना हम कुछ कहते सनम
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बिकने लगे हैं मेरे अल्फ़ाज़ अब,
कुछ और टूटे हुए दिल के खरीदार आ गये हैं बाज़ार में
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बात बस इतनी सी थी की उसके
चाहने वाले बहुत थे और मेरे "खरीदार"
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Yaadon ki jhurriyan tumhe
Chadar ki silwate batayengi.
Hamare bina kaise guzarti hain
raatein tumhe karwatein batayengi.
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Lekar mai ab apna hunar nikli hun
Apne hi shaher se yun bekhabar nikli hu
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Mere is Zulm-o-Sitam ka tujhe kya dosh dun,
Apni kamzoriyan to maine khud hi gayi thi,
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सुनो तुम इतना बदल जाना की लोग
तरस जाएँ पहले जैसा देखने के लिए
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राही हुये ऐसे की बस चलते ही जा रहे हैं
धक्के भी लग रहे हैं, संभलते भी जा रहे हैं
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उसने अपने वक़्त के हिसाब से याद किया बस
इस हाल- ऐ दिल के ख़ातिर हमने ही वक़्त बर्बाद किया
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कामयाबी कहाँ सिर्फ़ मेहनत और नसीब का खेल है
ये दुआ मोहब्बत ओर ऐतबार का सही तालमेल है
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अगर वो धोखा होता तो
एक दिन मेरा होता
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अब जब अलग हो ही रहे हैं तो लफ़्ज़ बाँट
लेते हैं 'हम' से 'मैं' और 'तुम' छाँट लेते हैं
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वो जो कहता था "मर जाऊँगा तुम्हारे बिना "
वो आज भी जिन्दा है ये किसी ओर से कहने के लिए
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ये दिल है जैसे वो गाँव का कोई
घर जहाँ रहता कोई नहीं
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सुना है मैंने वो कह रहे हैं
वो लिखना भूल गई है कुछ दिन की बात है
बस इस दिल की मरम्मत चल रही है
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जिंदगी भर तरीफ़े बटोरती रही वो
ख़ुशबू किसी ने पूछा ना हाल उस टूटे गुलाब का
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हमसे पूछो तेरा इंतज़ार कैसा होता है
बस तपती रेत में नंगे पाओं चलने जैसा होता है
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यूँ बेवजह बादल चटक कर बिखरते नहीं
खुदा आसमा में कुछ लिख रहा होगा
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उस कॉलेज के मेज़ पर बाक़ी हैं
निशाँ कुछ अपनी मोहब्बत के बाक़ी हैं गवाह कुछ
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मोहब्बत में कुछ लोग बदनाम हो जाते हैं
वफ़ा करके भी कुछ आम हो जाते हैं ,
जिन्हें मोहब्बत का 'म' भी पता नहीं
वो भी आजकल शायर-ऐ तमाम हो जाते हैं।
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रवायत बदलने वाले एक ओर नई रवायत ले आए हैं
पहले से बोझ है शराफ़त और क्यूँ नई शराफ़त ले आए हैं
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ज़िंदगी की राह में ऐसे मक़ाम आने लगे हैं
छोड़ दी मंज़िल तो मंजिल के पयाम आने लगे हैं
एक ज़माना था कि अपने भी चुराते थे नज़र
अब अजनबी महफ़िल से सलाम आने लगे हैं
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इन आँखों को तो देखो समुंदर का किनारा हैं
तुम रो दोगी अगर तो क्या सैलाब आएगा ?
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तुम्हारे स्पर्श से टूट कर गुलाब सी बिखरने लगी हूँ
मैं तुम्हें समझते समझते खुद उलझने लगी हूँ मैं
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फ़िक्र मत मत करो मोहब्बत
मैं तुम्हें याद से भूल जाऊँगी
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मेरी हर दुआ हर जज़्बात ये आफ़ताब
तुझसे कहता है तू जुदा है मगर ,
फिर भी मुझमे कहीं रहता है
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आज फिर पुरवाई से कोई महक आई है
पूछो ज़रा कहीं वो छत पर गेहूँ सवारने आई है
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कुछ ग़म अब मुझे सताने लगे हैं
ये कहना था हमको मोहब्बत है
तुमसे ये कहने में हमको ज़माने लगे हैं
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आराम भरी जिंदगी से सुकून समेट लेते हैं
उस खुले आसमान में उड़ने का अब जुनून समेट लेते हैं
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ये रिश्ता क्यू जलकर भी ख़ाक नहीं होता,
नाराज़गी इस बात की है,
अब वो नाराज़ नहीं होता
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आजकल दुनिया नफ़रत करती है सिगरेट से ,
जहाँ देखती है बस जला देती है
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इतना चले फिर भी मंज़िल नहीं मिली?
जानते नहीं क्या फूल को बाग़बान बनने में वक़्त लगता है
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बस चंद लम्हे गुज़ारे हैं जिस घर में उसे
तुम अपना मकान समझ बैठे ज़रा मुस्कुरा क्या
दिया हमने तुम तो आसान समझ बैठे
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वो आसमान छूने का इरादा रखते हैं
पर पैर ज़मीं पर बस आधा रखते हैं
हर बात पे बस वादा रखते हैं कमाल है,
फिर भी मजबूत वो इरादा रखते हैं
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तमाम उम्र दौलत कमाने की चाह में वो
चैन भर एक पल न बैठा है आलम ये है ज़िंदगी का ,
अब वो अपनी आलीशान इमारत में अकेला रहता है
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वो भूल गई है मुझे , ये क्यूँ याद दिला देते हो,
अभी गुज़रा नहीं वो मदहोशी का आलम की फिर
एक प्याला जाम का पिला देते हो
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तोड़कर गए दिल को पर फिर भी लगा लौट आओगे,
चलो अपना लिया फिर तुम्हें बोलो इस
टूटे हुए दिल में अब रह पाओगे?
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आज के रिश्ते कहाँ इतने सच्चे हैं,
इसलिए भाई हम सिंगल ही अच्छे हैं
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ये जो छोड़कर तुम मुझे यूँ जा रहे हो,
मेरी मिन्नतें ठुकरा रहे हो, तो सुनो चले जाना,
और खुश देख लो मुझे किसी और के साथ
तो कसम है तुम्हें लौटकर मत आना
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ये जो तोहफ़े सारे लौटा रहे हो ?
मेरे हक़ की खुशियाँ किसी और पर लूटा रहें हो,
याद रखना दिल बस ज़ख़्मी हुआ है हारा नहीं,
और आएँगे कई चाहने वाले,
अब मोहब्बत तो होगी बस तुमसे दोबारा नहीं,
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सपनो को पूरा करने के लिए आँखें खोलना ज़रूरी है
और मंज़िल तक पहुँचने के लिए घर से निकलना ज़रूरी है
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अभी अभी तो मिले थे फिर जुदा हो गये
क्या थी मेरी खता तुम सज़ा हो गये
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"You are not loyal enough"
कहकर कुछ लोगों ने मेरी मोहब्बत में बड़े दख़ल दिए
"I am still with my man"
और अब तक तो उन्होंने चार आशिक़ बदल लिए
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गिरवी रखी हैं कुछ खूबसूरत यादें तुम्हारे पास मैंने,
ग़म आँखों में नज़र आने लगे, लौटा देना मुझे
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आईना नज़र लगाना भी चाहे तो कैसे लगाये
मुझे मैं काजल लगाती हूँ आइने में देख कर
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जिस शख्स के बिना दिन नहीं गुज़रता था
अब ना जाने कितनी रातें गुज़र गई उसे याद किये
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ख्वाहिश नहीं की मैं चाँद हो जाऊँ, ऐ- खुदा
बस एक सितारा बना देना टूटकर बिखरूँ भी
तो किसी के चेहरे की मुस्कान हो जाऊँ
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तुम लौट आओगी किसी दिन बस
इसी उम्मीद में दिन निकल रहे हैं
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वो किताब जिसकी जल्द अब पुरानी हो गई है
अब भी संभाले है तुम्हारे दिए उस गुलाब की ख़ुशबू
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मुझे खुद से वो शिकायतें हैं
जो कभी तुमने मुझसे नहीं की
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बिजली की लड़कियों के ज़माने में मिट्टी के
दीये बनना तुम जब बत्ती यूँ ही हो जाए
गुल सारे जहा को रोशन करना तुम
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वो बाप उम्र-भर एक ही चप्पल घिसता रहा
बेटे के पैरों में हर साल जूते बदलने के लिए
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दिल टूटा और मुस्कान सलामत लिए बैठे हो
नज़रें मिलाओ आँखों में क़यामत लिए बैठे हो
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मैं तुझसे से शुरू तुझपे ख़त्म होना चाहती
मैं बस तुझमें कहीं दफ़न होना चाहती हूँ
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Tumhari Kuchh Taarife | By Yahya Bootwala
मैं इतना निचोड़ कर खुद में रो लिया हूँ
जैसे उसकी जुल्फ़ों में लिपटा तौलिया हूँ
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अक्सर जज्बात हो जाते हैं ख़यालात भी
अब अधूरा इश्क, अधूरे लम्हे और मौसमी हालत भी अब
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ये खौफ़ ही कह लीजिए मेरी मोहब्बत का
मुझपर वो ख़्वाबों में भी आते हैं तो सिरहाने सरक जाते हैं
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मन में द्वन्द युद्ध छिड़ा है क्यूँ नाच रहा है
लोकतंत्र यूँ सत्ता के गलियारों में स्वतंत्रता क्यों जकड़ी है
आज़ादी के नारों में क्या ये सब रचा रचाया आडंबर है
जिसमें दहन हो रहा पूरा भारत राजनीति के इशारों में
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वो मिली तो लगा बस मेरे लिए बनी है
बिछड़ना ही किस्मत में था, या कहानी में कुछ कमी है
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क्या कमाल की बात करते हो वो वक़्त
नहीं देते कभी तुम साथ की बात करते हो
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वो जो रो जाया करते थे हमारे लिए कभी अब किसी
और को देख कर मुस्कुराने लगे हैं वो जो कहते थे
मर जाएँगे तुम्हारे बिना फिर यही किसी और को दोहरने लगे हैं
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ये जो जज़्बात मेरे कैद हैं बरसों से,
अब कहने दो मुझे तुम्हारे साये में भी
फ़रेब झलकता है, छोड़ो अब अकेला रहने दो मुझे
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हर पहर की मैंने तुझे दुआ माना है
तुझे मसीहा तुझे खुदा माना है
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Thank You
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